मंगलवारी एकादशी करें हनुमान जी की संध्या पूजा

"मंगलवारी एकादशी में कैसे करे हनुमान जी की संध्या पूजा, मंत्र जाप और विधि"। मैं आपके लिए एक छोटा सा लेख लिखने की कोशिश करूँगा। मंगलवारी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की अर्धांगिनी भगवती तुलसी को समर्पित है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु और तुलसी जी की पूजा-अर्चना करते हैं और उनके मंत्रों का जाप करते हैं। इस व्रत का पालन करने से सारे पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इस व्रत के दिन भक्त हनुमान जी की संध्या पूजा करते हैं, जो उनके शक्ति, साहस और भक्ति का प्रतीक है। हनुमान जी की संध्या पूजा करने की विधि इस प्रकार है: - संध्या के समय शुद्ध और पवित्र कपड़े पहनकर घर के ईशान कोण में हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठें। - हनुमान जी को जल, चंदन, फूल, दूर्वा, अक्षत, रोली और सिंदूर से अभिषेक करें। - हनुमान जी को लाल वस्त्र, आभूषण, चंदन, कुंकुम, अक्षत, रोली, फूल, फल, मिठाई, नारियल और ताम्बूल आदि से श्रृंगार करें। - हनुमान जी के मंत्रों का जाप करें। कुछ मंत्र इस प्रकार हैं:     - ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्॥     - ॐ हनुमते नमः॥     - ॐ नमो भगवते आञ्जनेयाय महाबलाय स्वाहा॥     - ॐ रामदूताय नमः॥ - हनुमान जी की आरती करें। कुछ आरती के श्लोक इस प्रकार हैं:     - ॐ जय हनुमत वीरा, स्वामी जय हनुमत वीरा। भक्तों के दुःख हरे, राम का काज सँवारे॥     - ॐ जय हनुमत बलवान, स्वामी जय हनुमत बलवान। राम का नाम जपते, शत्रु का दमन करते॥ - हनुमान जी को प्रणाम करें और उनकी कृपा का आशीर्वाद लें। यह था मंगलवारी एकादशी में हनुमान जी की संध्या पूजा करने का एक सरल और सुंदर तरीका। आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें और हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें। आप अपने विचार और सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में भी बता सकते हैं। धन्यवाद। ???? #हनुमानजी #मंगलवारीएकादशी #संध्यापूजा #मंत्रजाप #विधि #भक्ति #शक्ति #साहस #आरती #व्रत #पूजाविधि #कोपायलट #एआईसाथी #फेसबुकपेज #लेख #शेयर #लाइक #कमेंट #आशीर्वाद #धन्यवाद