हफ्ते के 7 दिन के अपने-अपने कार्य

7 months ago
हफ्ते के 7 दिन के अपने-अपने कार्य ज्योतिष में 7 दिनों के कार्य जो कभी खाली नहीं जाते। ज्योतिषाचार्य पंडित सत्यम मिश्र बताते हैं हमारे ऋषि मुनियों ने ज्योतिष में गहन अध्ययन करके समाज को यह बताया कि कौन से दिन क्या करना चाहिए जिससे किया गया वह कार्य सबके लिए लाभकारी होता है और लंबे समय तक रहता है। आईए जानते हैं सातों दिन के कौन-कौन से काम हैं जिन्हें करने पर हमको समाज को घर परिवार को बच्चों को संपूर्ण सृष्टि को लाभ होगा। रविवार को यह करे। राज्याभिषेक, उत्सव, यान सेवा, गौ, अग्नि, मंत्र, औषधि तथा शस्त्रकर्म, स्वर्ण, ताम्र, ऊन, चर्म एवं काष्ठ सम्बन्धित कर्म, संग्राम एवं द्रव्य सम्बन्धित कर्म रविवार को किए जाते हैं। सोमवार को यह करे। शंख, मोती, चांदी सम्बन्धित कार्य, इक्षुभक्षण, स्त्री, वृक्ष, आभूषण, गायन सम्बन्धित कर्म, वाटिकागमन, गजादि आरोहण तथा वस्त्रादि से सम्बन्धित कार्य सोमवार को किये जाते हैं। मंगलवार को यह करे। भेद कराना, मिथ्याभाषण, चोरी, विष, अग्नि, शस्त्र वेध, अभिघात, शाठ्य एवं दम्भ सम्बन्धिकर्म, सेना, निवेश, संग्रह, धातु, स्वर्ण, मूंगा एवं रत्न सम्बन्धित कार्य मंगलवार को किये जाते हैं। बुधवार को यह करे। निपुणता प्राप्ति, पुण्य, अध्ययन, कला, शिल्पादि कर्म, सेवा, लिपि लेखन, धातुक्रिया, स्वर्ण, संधि, व्यायाम एवं वाद आदि कर्म बुधवार को करना चाहिए। गुरुवार को यह करे। धर्म कार्य, पौष्टिक पुरश्चरण, यज्ञ, विद्यालय, मांगलिक कर्म, वस्त्र, स्वर्ण, गृह, यात्रा, रथ, अश्व, औषधि, आभूषण, आदि से सम्बन्धित कार्य गुरुवार को करना चाहिए। शुक्रवार को यह करे। स्त्रियों से सम्बन्धित, शैया, मणि, रत्न, गन्ध, वस्त्र, उत्सव, अलंकरण, भूमि, द्रव्य, गो, कोष, कृषि आदि कर्म शुक्रवार को किए जाते हैं शनिवार को यह करे। लौहा, पत्थर, शीशा, शस्त्र, दास, पाप, चौर, विष, विद्या, गृह प्रवेश, वध, दीक्षा एवं स्थिर कर्म शनिवार को किए जाते हैं। इस प्रकार जो भी नियम अनुसार वार के हिसाब से बताए गए कार्यों को करता है वह निश्चित है सभी प्रकार के लाभ को प्राप्त करता है। हर हर महादेव जय भोलेनाथ